एक दिन पूछा मेरी बेटी ने मुझसे,
माँ आपको अपनी माँ की याद नहीं आती,
कभी नहीं देखा रोते क्या उनकी याद,
नहीं सताती |
मैंने उसको पास बिठाया बड़े प्यार से,
उसे समझाया,
जब मैं सुबह तुझे जगाती हूँ,
तू करवट लेकर फिर सो जाती है,
तब मुझे माँ की याद आती है |
जब मेरे हाथ का बनाया खाना,
तू सारा चट कर जाती है,
तब मुझे माँ की याद आती है |
मेरे हाथ के सिले कपड़े पहनकर,
तू इतराती है,
तब मुझे माँ की याद आती है |
देर करती जब तू घर आने में,
तेरी चिंता मुझे सताती है,
तब मुझे माँ की याद आती है |
और रोती मैं इसलिए नहीं कि,
तू ख्याल रखती है मेरा इतना,
की तुझमे ही माँ दिख जाती है,
और माँ की याद आती है |
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nice poem very heart touching . aapko sadar charan sparsh,dhok ….
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nice lines ❤️
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Lovely ❤
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Awesome it is
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Nyc ❤❤❤❤..
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