जब जब राखी आती हैं

जब जब राखी आती हैं, याद तेरी आ जाती हैं,
बांध देती हूं सभी राखियां इक मुठ्ठी मे रह जाती है।
छोटा था तू मुझसे भाई, क्या जल्दी थी जाने की,
गया तू ऐसे देश जहां से टिकट न वापस आने की, तेरी मीठी मीठी यादें आंखों मे आंसू लाती है
जब जब राखी आती है।
याद मुझे आते हैं वो दिन जब घर मेरे तू आता था घंटों बैठकर बालकनी मे मुझसे तू बतियाता था,
इधर उधर की सारी गपशप कानों में घुल जाती है,
जब जब राखी आती है ,याद तेरी आ जाती है।
आज भी भाई हम सब बहिनें तेरे घर पर जाती है,
देख कर भाभी बच्चों को दिल अपना बहलाती है,
आते आते उनको भरे मन से दुआएं हजारों दे आती है।
जब जब राखी आती है,
याद तेरी आ जाती है, बांध देती हूं सभी राखियां इक मुठ्ठी मे रह जाती है।

Kavita Tanwani

Leave feedback about this

  • Rating

Back to top