करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के जवानों को,
डटें हैं जो समझ के घर अपना, सरहदों के मकानों को,
रहें महफूज़ मेरे देश का हर कोना,
महसूस करो इनके इन बयानों को,
करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के जवानों को|
अपने ही घर में क्यों, अपनों से पत्थर ये खाते हैं,
गैरों से ज़्यादा गहरी, अपनों से चोट पाते हैं,
कौन भेजेगा फिर सरहदों पर, अपने घर के नौनिहालो को,
करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के जवानों को|
दुश्मन जो करे हरकत ऐसी, तो वहीं तोड़ देते ये,
पर समझ के घर का भाई छोटा, तुमको है छोड़ देते ये,
चढ़ाओं ना पारा इनका, सातवें आसमानो को,
करो सब तनकर सलाम, मेरे देश के जवानों को|
-
Good post. I certainly appreciate this website. Continue the good work!
Good post. I certainly appreciate this website. Continue the good work!
-
Nice post i like it 100 %. I learn something new and challenging on sites I stumbleupon on a daily basis. Its always helpful to read through articles from other writers and use something from their web sites.
Nice post i like it 100 %. I learn something new and challenging on sites I stumbleupon on a daily basis. Its always helpful to read through articles from other writers and use something from their web sites.
Leave feedback about this