आज की कहानी: कलम और दवात की रिश्तों की गहराई

आज कहानी कहू मै कलम ओर दवात की,कितने रिश्ते जोडे़ इसनेदू़ मै गवाही इस बात कीबाबा मेरे करके इससे,जोड़ गुणा लगाते थे,करके हिसाब अपना पूरा नफा हमें दे जाते थे,आज भी नहीं भूले हम बाते थी जजबात की,कलम स्याही से…

जब जब राखी आती हैं

जब जब राखी आती हैं, याद तेरी आ जाती हैं,बांध देती हूं सभी राखियां इक मुठ्ठी मे रह जाती है।छोटा था तू मुझसे भाई, क्या जल्दी थी जाने की,गया तू ऐसे देश जहां से टिकट न वापस आने की, तेरी…

घर का ये कोना

घर का ये कोना मुझे अच्छा लगता हैदोस्त ये अपना सच्चा लगता है,जब किसी बात से बैचैन मै हो जाती हु,फैसला किसी बात मे ले नहीं पाती हूं,पास इनके बैठ कर फूलों संग बतियाना अच्छा लगता है।घर का ये छोटा…

मासिक काव्य गोष्ठी आयोजन

जयपुर 28 अप्रेल ।जयपुर इकाई की मासिक काव्य गोष्ठे का आयोजन सुनीता त्रिपाठी की अध्यक्षता में किया गया संचलन ज्ञानवती जी ने सरस्वति बंदना सुनीता तिवारी ने की मुख्य अतिथि सुमन सुनीता मैं काव्य गोष्ठी का आगाज किया गया सुमन…

आजादी

भारत हुआ आजाद हमारा हमने आजादी पाई थी ।आजादी की खातिर कितने वीरों ने अपनी जान गंवाई थी ।याद करो कुर्बानी उनकी देश को गुलामी से निजात दिलाई थी ।देश बनाया था स्वर्ग अपना विरासत अपनी बचाई थी ।भारत हुआ…

व्यथा

व्यथा

रुका रुका सा मेरा शहर मुझे अच्छा नहीं लगता ! सहमा सहमा सा हर आदमी मुझे अच्छा नहीं लगता ! दूर दूर क्यों मुझसे मेरे सारे अपने है, बंद क्यों सबकी आँखों के सपने है, खेलता कूदता था जो बच्चा,…

ये है कोरोना

डरो ना कोरोना से तुम डरो ना, आज पृथ्वी खुलकर सांस ले रही है, उस पर आज कोई गाड़ी बोझ बनकर धुआं नहीं छोड़ रही है, संग पृथ्वी के तुम भी खुश हो ना, डरो ना कोरोना से तुम डरो…

कर ले विश्वास

माना राह कठिन है तेरी, मंज़िल तुझसे दूर है, संग है तेरे अपने सारे, फिर क्यों तू इतना आतुर है ! कहदे खुलकर तू हमसे, मन में जो भी बात है, कोई भी हालात हो, हम तो तेरे साथ है,…

प्यारी प्रिया

ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी, जब दरिंदो की नज़र उस पर पड़ी थी ! सजा कर कईं अरमान अपने दिल में वो, जन सेवा करने को डॉक्टरी भी उसने पढ़ी थी, ना जाने वो कौनसी मनहूस घड़ी थी,…

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